मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड कैंपा (क्षतिपूर्ति वनीकरण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) शासी निकाय की बैठक हुई। बैठक में कैंपा निधि के अंतर्गत संचालित योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कैंपा फंड का उपयोग राज्य में वनों के सतत प्रबंधन, वानिकी विकास, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने तथा वनों पर आश्रित समुदायों के कल्याण के लिए किया जाए। उन्होंने कहा कि देहरादून शहर में ग्रीन कवर बढ़ाने हेतु, कैम्पा फंड इस्तेमाल किए जाने के लिए केंद्र सरकार के स्तर से भी अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए प्रभावी योजना तैयार की जाए। वन क्षेत्रों में जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवीकरण को शीर्ष प्राथमिकता में रखा जाए। इसके लिए वन विभाग के साथ पेयजल, जलागम, ग्राम्य विकास और कृषि विभाग संयुक्त रूप से कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने वनाग्नि रोकथाम के लिए आधुनिक तकनीक और सामुदायिक भागीदारी के जरिए व्यापक रणनीति बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण के कार्य में केवल पौधे लगाने तक सीमित न रहकर पौधों के सर्वाइवल रेट पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कैंपा निधि से संचालित परियोजनाओं की गुणवत्ता, समयबद्धता एवं प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए नियमित समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि हरेला पर्व पर प्रदेश में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जाए। इसमें फलदार, औषधीय गुणों से युक्त पौधे अधिक लगाये जाएं। उन्होंने कहा कि पौधारोपण के लिए जन सहभागिता सुनिश्चित की जाए और लोगों को एक पेड़ मां के नाम लगाने के लिए प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि गौरा देवी की जन्म शताब्दी पर वन विभाग द्वारा सभी डिवीजन में फलदार पौधे लगाए जाएं।
वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि स्थानीय लोगों को वन संरक्षण के कार्यों से जोड़ने के लिए स्वरोजगार और आजीविका आधारित कार्यक्रम चलाए जाएं ताकि वन संपदा के सतत उपयोग और संरक्षण में उनकी भागीदारी बढ़ाई जा सके।
बैठक में विधायक श्री भूपाल राम टम्टा, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव वन श्री आर.के. सुधांशु, प्रमुख सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुदंरम, प्रमुख वन संरक्षक श्री समीर सिन्हा, सचिव श्रीमती राधिका झा, श्री चन्द्रेश कुमार, श्री एस एन.पाण्डेय, श्री श्रीधर बाबू अदांकी और वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।