बर्फ मे लापता 22 जिंदगियों की तलाश जारी, सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन में खराब मौसम बन रहा है बाधा

देहरादून/ उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा में हिमस्खलन में सीमा सड़क संगठन (BRO) के 55 मजदूर फंस गए थे, जिसमें से 33 को बचा लिया गया है और अभी 22 मजदूरों की तलाश जारी है। बता दें कि माणा गांव के पास शुक्रवार को ग्लेशियर टूटने के कारण बड़ी घटना घट गई, घटना के बाद भारतीय सेना के 07 ऑफिसर्स 17 जेसीओ और 150 और की बचाव टीम मौके पर मोर्चा संभाले हुए है। फंसे लोगों को बचाने के लिए चुनौती पूर्ण परिस्थितियों में खोज और बचाव अभियान जारी है। हालांकि अभी भी लगातार ग्लेशियर टूटने से बचाव दल को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, वही विशेष चिकित्सा दल के 02 डॉक्टर और 04 एंबुलेंस ,04 इंजीनियर उपकरण संयंत्र से लैस फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयासों में जुटी हैं।
खराब मौसम के कारण खोज व बचाव अभियान में काफी दिक्कतें आ रही हैं, बार-बार ऑपरेशन को रोकना पड़ रहा है। शुरुआत में खबर आई थी कि कुल 57 मजदूर फंसे थे, लेकिन उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने इसे खारिज कर दिया था।
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 33 मजदूरों को बचा लिया गया है, जबकि 22 का अभी तक पता नहीं चल पाया है। 57 मजदूरों के फंसे होने की शुरुआती रिपोर्ट गलत थी क्योंकि घटना के समय दो मजदूर छुट्टी पर थे।
शुक्रवार की सुबह-सुबह हुए इस हिमस्खलन की वजह से बीआरओ कैंप 6 से 7 फीट बर्फ के नीचे दब गया। 65 से अधिक कर्मियों को बचाव अभियान के लिए तैनात किया गया है। बचाव के दौरान पहले दस मजदूरों को खोजा गया और फिर बाद में कुल 33 मजदूरों तक बचाव कर्मी पहुंच गए, लेकिन 22 की तलाश में कई बाधाएं आ रही हैं।
चमोली के जिला अधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि शनिवार सुबह से ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है, उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें उपचार के लिए जोशीमठ आर्मी हॉस्पिटल में उपचार के लिए लाया गया है।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार रेक्स्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं और अधिकारियों के संपर्क कर रहे हैं। आज मौसम थोड़ा खुला हुआ है उम्मीद है कि आज बाकी लोगों की तलाश भी पूरी हो जाएगी।

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