देहरादून/ भाजपा शासित राज्यों में शहरों, गांवों और सड़कों का नाम बदले जाने को लेकर सियासत तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड के बाद अब राजस्थान भी कतार में आ गया है। उत्तराखंड के कई शहरों-कस्बों का नाम बदले जाने के बाद स्थानीय लोगों में भी नाराजगी देखने को मिल रही है, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मियां वाला का नाम बदल कर रामजी वाला किया गया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा। पत्र में कहा गया है कि आजादी से पहले और देहरा के अस्तित्व से पहले राजा फतेहसिंह के पोते प्रदीप शाह ने सत्तासीन होने के बाद गुरु राम राय को चार गांव दान में दिए जिसमें से मियां वाला भी है। प्रदीप शाह का शासनकाल 1717 से 1772 तक रहा, और 1815 में अंग्रेज देहरादून में काबिज हुए जिसका जिक्र 1874 में लिखी गई पुस्तक “मेमोयोर ऑफ देहरादून” में भी किया गया है। उन्होंने कहा कि मियां वाला के चारों तरफ पहाड़ी और गोरखाली बाहुल्य लोग हैं। लोगों ने कहा कि मियां वाला पुरखों और पूर्वजों का सम्मान है, हमारी पहचान मियां वाला से ही रहेगी। आरोप है कि कुछ राजनीतिक लोगों ने अपनी राजनीति और समाज को बांटने के लिए ने मियां वाला का नाम बदलने की कोशिश की है। उन्होंने मांग की है कि मियां वाला का नाम यथावत रखा जाए।